किरदार को क्या ही सवारते हैं हम पर, लोग तो सूरत पर ही मरते हैं, सीरत कितनी ही अच्छी क्यों न हो जीत आखिर में हुस्न की होती हैं हुस्न के ही खातिर लोग जन्नत माँगते हैं, वहाँ हूरों से मुलाकात के तलबगार जो हैं 😁 27/9/23 ⏰4:39 p. m. @ubaidakhatoon✍️ ©Ubaida khatoon Siddiqui #Ubaidakhatoon #ubaidawrites