ये अकेलापन और ये तन्हाई कहीं मार ही ना डालें हमको ये जुदाई, इस कदर मायूसी है छाई रूठ गई है अब तो हमसे अपनी ही परछाई। 🌟 Like Comment Share 🌟 प्रतियोगिता🏅 प्रतियोगिता 🏅 प्रतियोगिता 🏅 _______________________________ " साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता " (Post 25) सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" 🎀