गुलामो मे वही सच्छा गुलाम है ! जिसके खुद कही गुलाम है ! इश्क़ भी नाज़ करता है जिसकी आशकी पर रुस्तम , वो गुलामे रसूल हज़रते बिलाल है ! रुस्तम अली अंजुम गुलामो मे वही सच्छा गुलाम है ! जिसके खुद कही गुलाम है ! इश्क़ भी नाज़ करता है जिसकी आशकी पर रुस्तम , वो गुलामे रसूल हज़रते बिलाल है !