माँ का हर लफ्ज़ अमृत की बूँद बरसाता हैं माँ का आँचल भी जन्नत का नूर बरसाता हैं खुशियों की रहमत बरसाती दिन-रैन हैं माँ इस दिल का "सुकून" और "चैन" है "माँ" ख़ामोशियों को पढ़ने का एक हुनर है "माँ" हर ख़्वाहिश को पूर्ण कर ने वाला ख़ुदा माँ ज़ख्म से दूर रखती है, दर्द से बचाती है माँ आए तूफ़ान ग़म का उससे लड़ जाती है माँ पहली मोहब्बत का ख़ूबसूरत एहसास "माँ" सुकून की छाँव, खुशियों का वास मेरी "माँ" भूलकर भी भूल नहीं पाऊँ मैं तुझे "माँ" ताउम्र है और होगी मेरे लिए ख़ास मेरी माँ ♥️ Challenge-563 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Mother's Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।