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ऐ ज़िन्दगी! क्या तुझसे थोड़ी सी ज़िन्दगी उधार मांग लू

ऐ ज़िन्दगी!
क्या तुझसे थोड़ी सी ज़िन्दगी उधार मांग लूं

सब है यहां
रोटी, कपड़ा, मकान
बस सुकून ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ा सा सुकून उधार मांग लूं

सब है यहां
भाई-बहन, चाचा-बुआ
बस रिश्ता ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ा सा रिश्ता उधार मांग लूं

सब है यहां
दिन-रात, उजाला-अंधेरा
बस समय ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ा सा समय उधार मांग लूं

सब है यहां
दोस्त-यार, अपने पराये
बस मैं ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ी सी ज़िन्दगी उधार मांग लूं

ऐ ज़िन्दगी... #ऐज़िन्दगी #ज़िन्दगी #MyPoem #PraveenBafna #PrawinBafna #HindiPoetry
ऐ ज़िन्दगी!
क्या तुझसे थोड़ी सी ज़िन्दगी उधार मांग लूं

सब है यहां
रोटी, कपड़ा, मकान
बस सुकून ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ा सा सुकून उधार मांग लूं

सब है यहां
भाई-बहन, चाचा-बुआ
बस रिश्ता ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ा सा रिश्ता उधार मांग लूं

सब है यहां
दिन-रात, उजाला-अंधेरा
बस समय ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ा सा समय उधार मांग लूं

सब है यहां
दोस्त-यार, अपने पराये
बस मैं ही नज़र नही आ रहा
क्या तुझसे थोड़ी सी ज़िन्दगी उधार मांग लूं

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