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मातृभूमि की रक्षा- खातिर जो नित ही तत्पर रहते है ब

मातृभूमि की रक्षा- खातिर जो नित ही तत्पर रहते है
बढ़े- गर्व से हम कहते हैं कि वो ही इस देश के बेटे है
क्या हुआ आज के बच्चों में अंग्रेजी -कल्चर भाया है
वो भूल गये हैं पुलवामा बस इश्क का जश्न मनाया है
इस अंग्रेजी कल्चर का यारों  नशा ओ ऐसा- छाया है
प्रेम के जो प्रारूप हुये हैं इसने उन पे ग्रहण लगाया है
प्रेम है अब जिस्मों पे सिमटा रूहों की अब पूछ कहाँ 
 हवस जिस्म की यार घुसी है अहसासों की पूछ कहाँ 
गर -देखोगे डाटा तुम भी अजी सकते में आ जाओगे 
जिसे हो कहते प्रेम का हफ्ता उससे नयन -चुराओगे 
प्रेम सदा रूहों से चलता अहसासों की इसमें चलती है
जो मिलती अनुभूति अलौकिक तो ही फिजां महकती है
जिसे अहसासों का ज्ञान नहीं वो क्या रिश्ता निभाएगा 
काम  निकलते  ही वो यारों ठोकर तुममें ही लगाएगा 
गर प्रेम समझना तुमको यारों तो राधे कृष्णा को समझो 
नहीं- फंसो तुम अंग्रेजी कल्चर मन में राधे कृष्ण रखो
उनसे- बढ़कर हुआ ना जग में ना कोई भी हो पाएगा 
उनका हैं रिश्ता यार अनौखा जो प्रेम तुम्हें समझाएगा 
वो तुमको यार जगाएगा इक- राह उचित दिखलायेगा 
वो अहसासों को समझाएगा वो प्रेम तुम्हें सिखलायेगा

©ANOOP PANDEY
  #fake_love💚
Anshu writer Smrit (दिवि)divi P@ndey  Sweety mehta