*तुम्हारी कविता* कलम और काग़ज से लिपटकर तुम्हारी कविताओं का मै 'संसार' बन जाऊँ.. शब्द और भावनाओं से सजकर , तुम्हारी कविताओं में मैं 'प्यार 'बन जाऊँ.. जब दर्द और संघर्ष एक साथ हो जीवनरथ पर, तुम्हारी कविताओं में मै 'दृढ़ आत्मविश्वास' बन जाऊँ.. जब हो तमस चहुँ ओर,ये दुनिया आँखे बंद कर ले, तुम्हारी कविताओं में मैं अखंड 'सत्यप्रकाश' बन जाऊँ.. कलम और काग़ज से लिपटकर.. तुम्हारी कविताओं की मै स्वास बन जाऊँ.. जब हो अन्याय छल कपट के बल पर, तुम्हारी कविताओं में मै बुलंद 'आवाज़' बन जाऊँ... ©sapna 'Chanchal' #nojotowriters #Poet#poemlover#writing #beingorigina #beloved सुरेश'अनजान'