मेरी पहचान तो मुझसे है पर,दिल की पहचान तो 'तुम' से है बढ़ चलूँ दूर तलक मैं अपने क़दमों से पर,साथ चलने की ख़्वाहिश हमेशा संग तुम्हारे है कर लेती हूँ सहन सब दुःख-दर्द मैं पर,आँसू दिखाने की चाहत बस तुम्हीं को है उड़ती फ़िरती हूँ ख़ुशी में तितली-सी मैं पर,खिंचती हूँ जिस सुगंध की ओर,वो तुम से है प्रेम से पली-बढ़ी और भरी हूँ मैं पर,मेरे इस रूप की सार्थकता बस 'तुम' से है...! Muनेश...Meरी ✍️🌹 #मेरीपहचान #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine#bestyqhjndiquotes Collaborating with YourQuote Didi