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सुखियो  में  थी  वो  आज  अपनी  जुल्फ़ों  को   बिखर

सुखियो  में  थी  वो  आज  अपनी  जुल्फ़ों  को   बिखर  के,
बुंद बुंद होके बादल पिघलने लगे,उनकी पलकों पे ठहर  के।
कहीं  बारिश   ना  कर  दे,  कहीं   मौसम   ना    बदल    दे,
अंगड़ाइयां   लेते    लेते, जुल्फ़ों   को    फ़िर     संवर     के।
                                          -दीप #girl #Love #shayri #Hindi #monsoonlove
सुखियो  में  थी  वो  आज  अपनी  जुल्फ़ों  को   बिखर  के,
बुंद बुंद होके बादल पिघलने लगे,उनकी पलकों पे ठहर  के।
कहीं  बारिश   ना  कर  दे,  कहीं   मौसम   ना    बदल    दे,
अंगड़ाइयां   लेते    लेते, जुल्फ़ों   को    फ़िर     संवर     के।
                                          -दीप #girl #Love #shayri #Hindi #monsoonlove