रातों को जो सोते हैं यूँही रोते रोते!! बिखरे होते हैं ख़्वाब उनके मोहब्बत में होते होते!! मग़र दर्द -ए- रुसवाई को खुद में न समेट लेना!! जिंदगी लिखती है हर लम्हां एक नई कहानी चलते चलते!!!💐 ©Deepak Bisht #शाज़िया-ए-खुशबू