ए! खुदा के बन्दों खुदा को भी सज़दा कर लिया करो हमसे तो अच्छे वो दरख़्त हैं जो के ज़रा सी नियामत पर सज़दे में चले जाते हैं -आरिज़ अली तौहीद *कुदरती हवा खुदा की बेशकीमती नियामत है