प्रेम कोनो एहन चीज नहि होइत छैक जे मात्र शब्दक माध्यमे व्यक्त होइत छैक, ई पूजा अछि जे आत्मा सँ कयल जाइत अछि | कोनो शर्त नहि, कोनो मांग नहि, बस आत्मसमर्पण, प्रेमक हर रंग बस अहाँक दर्शन अछि। विरह के चुभन जकाँ राति के मौन, हृदय मे एकाकीपनक अन्हार गहींर भ' जाइत अछि । बस हर साँस मे अहाँक नाम पुकारैत छी, एहि हृदय केँ सांत्वना मात्र अहाँक स्मृति मे भेटैत छैक । अहाँक उपस्थिति हमरा लेल परमेश् वरक इजोत अछि, अहाँसँ दूर रहब एकटा अपूर्ण स्वीकृति अछि । समय सेहो एहि आध्यात्मिक बंधन केँ नहि तोड़ि सकैत अछि, ई जीवन सेहो अहाँक प्रेम मे माथ झुकाबय। #अज्ञात ©Navneet Jha #love_shayari