किताब ए इश्क़ हो तुम, हर्फ़ दर हर्फ़ तुझे पढ़ लूँ लिखूँ कोई नज़्म इश्क़ पर, मैं भी हर लफ़्ज़ में तेरा क़सीदा गढ़ दूँ। ♥️ Challenge-547 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 📖 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।