मैं बहता नीर- सा तुम्हारे झील- सी गहरी आँखों में। मैं अपनी तरंगों से तुम्हें बांध लेता एक बांध की भाँति। तुम्हारी सुरमयी आँखों के जंगल में , मैं खुद कैद हो जाता। मैं गोते लगाता तुम्हारे भीतर प्यासी मछलियों की भाँति। कुछ ऐसे तुम में वास करता मैं प्रिय अपना जीवन तुम्हारे नाम करता। #river-eye#love#thoughts#l feeling