यादो का पिटारा हैं मेरे पास जब भी खोलता हूं वहॉं चला जाता हूं कूछ तो खो गया हैं ऐसा लगता हैं अब पहिले बचपन में जी रहा था तो उम्मीद क्या होती हैं मालूम ही नहीं थी अब जवानी में जी रहा हूं तो उम्मीद बड़ी सताने में लगी हैं..! - Atulwaghade #yqdidi #yqquotes #yqthoughts #yqlifevalue