मेरे ख्वाबों में तुम मुझको बहुत रंगीन लगती हो मेरी हर शायरी में तुम बहुत ही हसीन लगती हो तुम मेरी 'कल्पना' हो,हर दफ़ा चेहरे बदलती हो कभी शालीन लगती हो,कभी नमकीन लगती हो --डॉ प्रशान्त मिश्रा "कल्पना"