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क्या खता थी हमारी उससे प्रेम की अपेक्षाओं ने इतन

क्या खता थी हमारी  उससे प्रेम की अपेक्षाओं ने 
इतनी उपेक्षाओ को दिखाया
कि अब उपेक्षा से ही अपेक्षा होने लगी है 
जब अपेक्षा की जगह उपेक्षा ले ले
 तो समझ लीजिए कि जिन्दगी 
अब मोम से वो पत्थर हो जायेगा 
उस पत्नी का सबसे बड़ा दुर्भाग्य कहूं कि यह सौभाग्य है
 कि उसका पति देवता बन कर
समाज का दुख दूर करता है 
और पत्नी से दूर रहता है 
फिर भी भारतीय नारी हूँ पतिठ तो देवता ही चाहिए 
भले पति उसकी उपेक्षा करे , नर्गिस बेनूरी खज़ा उपेक्षा से अपेक्षा होने लगी
क्या खता थी हमारी  उससे प्रेम की अपेक्षाओं ने 
इतनी उपेक्षाओ को दिखाया
कि अब उपेक्षा से ही अपेक्षा होने लगी है 
जब अपेक्षा की जगह उपेक्षा ले ले
 तो समझ लीजिए कि जिन्दगी 
अब मोम से वो पत्थर हो जायेगा 
उस पत्नी का सबसे बड़ा दुर्भाग्य कहूं कि यह सौभाग्य है
 कि उसका पति देवता बन कर
समाज का दुख दूर करता है 
और पत्नी से दूर रहता है 
फिर भी भारतीय नारी हूँ पतिठ तो देवता ही चाहिए 
भले पति उसकी उपेक्षा करे , नर्गिस बेनूरी खज़ा उपेक्षा से अपेक्षा होने लगी

उपेक्षा से अपेक्षा होने लगी