Nojoto: Largest Storytelling Platform

रोशनी है दूर ! अंधेरों में भी ; रोशनी है

रोशनी है

दूर  !  अंधेरों   में  भी  ; रोशनी  है

हमें कुछ नया करने की सोचनी है

पहुँचनी  हैं , रोशनी ; हम तक भी

अंधेरे  को  भी ; इसका होश नी है

कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद रोशनी है.......कीर्तिप्रद
रोशनी है

दूर  !  अंधेरों   में  भी  ; रोशनी  है

हमें कुछ नया करने की सोचनी है

पहुँचनी  हैं , रोशनी ; हम तक भी

अंधेरे  को  भी ; इसका होश नी है

कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद रोशनी है.......कीर्तिप्रद