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रघुबीर निहार लये जबते यह देह न गेह संभारन दे धरि ध

रघुबीर निहार लये जबते
यह देह न गेह संभारन दे
धरि धीरज बोलउठी बरुनी
पद पंकज की रज झारन दे।

पुतरी कहै आगे सों हठिजा
अंसुआ कहै पैर पखारन दे
पलकें कहैं मूंद लें राघव कूँ
अँखियाँ कहैं और निहारन दे। 🌝प्रतियोगिता- 207🌝

आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹

 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"मर्यादा पुरुषोत्तम"🌹
रघुबीर निहार लये जबते
यह देह न गेह संभारन दे
धरि धीरज बोलउठी बरुनी
पद पंकज की रज झारन दे।

पुतरी कहै आगे सों हठिजा
अंसुआ कहै पैर पखारन दे
पलकें कहैं मूंद लें राघव कूँ
अँखियाँ कहैं और निहारन दे। 🌝प्रतियोगिता- 207🌝

आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹

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🌹"मर्यादा पुरुषोत्तम"🌹
nehapathak7952

Neha Pathak

New Creator

🌝प्रतियोगिता- 207🌝 आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मर्यादा पुरुषोत्तम"🌹 #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #क़लम_ए_हयात #yqurduhindipoetry #मर्यादापुरुषोत्तम_Qeh