सदीयों से टूकडों में ही हैं हम, अब और टूटने का डर नहीं, अब बस हम हैं मुसाफिर कोई, अब घर छूटनें का डर् नहीं... #kabira_ सदीयों से टूकडों में ही हैं हम, अब और टूटने का डर नहीं, अब बस हम हैं मुसाफिर कोई, अब घर छूटनें का डर् नहीं...#kabira_ #NightPath #musafir #Loneliness #badthoughts