ज़िन्दगी के सबक सिखाता ऊँचा आसमान, ऊपर होकर भी ज़मी से जुड़ उफ़ुक़ कहाता. खड़ा रहता समेटे क़ायनात उफ़्फ़ नहीं करता. फ़ैला होकर भी फिर उड़ान से मीसाक़ कराता. उम्मीद की शाखाओं को बढ़ने का जज़्बा देता, अँधेरे में होकर भी वो रौशनी से औराक़ बनाता. वो ख़ामोशी से सिखाता, गिरकर फिर संभलना. चुप होकर भी ज़िंदगी पर हुनर का वरक़ चढ़ाता. Challenge-120 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #ऊँचाआसमान #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️ उफ़ुक़ - Horizon