अंधे को मंदिर आया देखकर लोग हंसकर बोले कि, मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो पर क्या भगवान् को देख पाओगे ? अंधे ने मुस्कुरा के कहा की, क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान् तो मुझे देख लेगा. द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सही होना चाहिए !! -- life diary........####