रोटी मिलती नहीं जब, भूख को दबा लेता है! भूखा-मज़बूर सूखी पत्तियां भी चबा लेता है! तड़पकर तोड़ दें वो दम भले ही, फ़िक्र है किसको; फ़कीरों की मौत का कौन भला चरबा लेता है! #रोटी🍪 #भूखा_मज़बूर_गरीब_मज़दूर चरबा= हिसाब.