Unsplash छिपा कर आंसू अपने महफ़िल को हंसाना मै अपना फर्ज समझ लेता हूं, एक लम्हा भी कर लूं ख्याल खुद का तो खुद को खुदगर्ज समझ लेता हूं| और आइने में टूटते देखा है मैने मेरे हुबहू शख्स को...... इसलिए ज्यादा मुस्कुराते हुए चेहरों में छुपा हुआ हर दर्द समझ लेता हूं || ©' मुसाफ़िर ' #Book #Emotional #SAD #Feel