इश्क़ एक ऐसा फसाना है ना चाह कर फिर से फसना है खा कर ठोकर एक बार फिर ये कसम दोहराना है समाज में घटित होने वाली हर बुराई हमारे ही अंदर से जन्म लेती है। हमें बार बार स्वयं को ही सचेत करवाना होगा। हमें ही सहयोग करना होगा। हमें अपने ही ख़िलाफ़ खड़ा होना होगा। अपने अंदर ही एक क्रांति लानी होगी। Collab कीजिये -YQ Didi के साथ.. #हमशपथलेतेहैं