ज़िदंगी को पढ़ सकें सब मुमकिन ये नहीं है कहीं रात का है साया कहीं निकला दिन नहीं है कुछ सिलसिले शुरू होकर फिर ख़त्म नहीं होते कोई पहचान मेरी पूछे तुम अपना निशान छोड़ देना... नहीं मुमकिन... #नहींमुमकिन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi