खुदगर्ज़ बन जाऊं तो हर्ज़ कैसा, आमां कुछ लम्हें ही तो मांगे अपनी ज़िन्दगी से ख़ुद के लिए, तो फिर ये कर्ज़ कैसा? ©Pushpa Sharma #खुदगर्ज़_बन_जाऊं #हर्ज़ #कर्ज़_कैसा #नोजोतिहिंदी