रंग इश्क का चढ़ा है, यादों में तेरी खो गया है। चांद को हल्दी लगी, वह बसंतिया हो गया है। पिंजरे में परिंदा कैद था, दिल को तो उसके सुकून था। मौत उसको यूं मिली, आजाद वह तो हो गया है। ©Nitin Sharma कभी-कभी आजादी किसी मौत से कम नहीं होती एक कविता उसी आजादी के नाम। #आज़ादी #azadi #love #pyar #love #lovehate #rangishqka #ishq #Rose