8. आलाप भी जरूरी है विस्मय विराग इन गलियों का, आईने भी इन घरों के, क्या नज्में है जीवन की, लेकिन आलाप भी जरुरी है. तीर तीखे है जुबानों के, मर्ज बेअसर है इन औषधियों के, कौन शिकारी, किस शिकार का, लेकिन आलाप जरुरी है. करवटें नीदों की राहतें है, जीवन कुठिंत फिर भी शहादतें है, थक जाएगा परवरदिगार, अर्जियाँ बहुत है, लेकिन आलाप भी जरुरी है. ©Ankit verma utkarsh❤ #Thoughts manisha saini Kagadiya Devraj Rohit Kumar Raushan Kumar Rajesh Dangi