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दिपक यूँ कब तक जलाओगे छोड़ो बुझने दो अब जरूरत नही

दिपक 
यूँ कब तक जलाओगे
छोड़ो बुझने दो
अब जरूरत नही मेरी
घरों को जगमगाती
खूनी रौशनी को लगने दो
बिना तेल-बाती मैं जलता तो नहीं
बहुत उजाला भी करता तो नहीं
फिर क्यों जलाते हो बुझाते हो
कूड़ेदान में सुबह फेक आते हो
अब रहने दो बस
थोड़ा तुम भी तो जलो
लोगों से नहीं लोगों के लिए

©Ramakant Jee Dipak
#Diwali
दिपक 
यूँ कब तक जलाओगे
छोड़ो बुझने दो
अब जरूरत नही मेरी
घरों को जगमगाती
खूनी रौशनी को लगने दो
बिना तेल-बाती मैं जलता तो नहीं
बहुत उजाला भी करता तो नहीं
फिर क्यों जलाते हो बुझाते हो
कूड़ेदान में सुबह फेक आते हो
अब रहने दो बस
थोड़ा तुम भी तो जलो
लोगों से नहीं लोगों के लिए

©Ramakant Jee Dipak
#Diwali
ramakantjee6956

Ramakant Jee

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