#FourlinePoetry वीरान लगती थी जो गलियां वो किसी के आने से रोशन हुई थी पर वक्त के आगे कहां किसी के चलती है पागल समय-समय पर बदलता रहता है ©Chandel Gujjar #अमित गुर्जर शायरी वक्त के आगे कहां किसी की चलती है