जहा भी रुकोगे, वाहिसे शुरुवात करना, कलम का ही देखो, हर जगह रुकती है, फिर भी पहले से शुरुवात करती है, लेकीन खतम तभी होती है, जब मक्सद पुरा हो जाये... - शुभम दिपक कांबळे #start_again_start