डिअर टीचर, रखती हूं मैं सदा आपका अभिमान नहीं छुकने दूंगी आपका कभी सर।। सागर से भी आगे निकल जाऊंगी मगर अपने आप से हार जाऊंगी एक सपना सच कर दिखाना हैं अपने आपको दूसरों से अलग बनाना हैं dear teacher