चिढ़ जाता हूँ उसका किसी ओर के सांये से लिपटा देखकर आंसू भी लाल निकलते है ये सब देखकर हंसी रखते है दूसरों के लिए होठों पर फेर लेते हैं सिर्फ मुंह हमें देख कर उसका जाना अब तक याद है वो खत मुझ पर फेंक कर वो मेरे कलेजे के टुकड़े -टुकड़े कर गयी चाहा था क्या उसको ये सोचकर आग़ोश मे लिया भी तो मुझे क्या खुब लिया पहाड़ था छोडा भी तो नोचकर उनके दीदार के वास्ते बुजदिल हो गए हैं मर भी नहीं सकते कोई दे दे जहर हमें अच्छा सा देखकर दे दो जहर