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यार भी राह का दीवार समझते है मुझे मैं समझता था की

यार भी राह का दीवार समझते है मुझे
मैं समझता था की मेरे यार समझते थे मुझे

रौशनी बांटता फिरता हु मैं सरहदों के पार भी
हमवतन इसीलिये ग़द्दार समझते है मुझे

- शाहिद ज़की #ShahidZakiSahab #Ashaar
यार भी राह का दीवार समझते है मुझे
मैं समझता था की मेरे यार समझते थे मुझे

रौशनी बांटता फिरता हु मैं सरहदों के पार भी
हमवतन इसीलिये ग़द्दार समझते है मुझे

- शाहिद ज़की #ShahidZakiSahab #Ashaar