सुना, तबीयत नासाज़ है उनकी ऊपर से इश्क़ की तासीर में हैं याद से मैनें भेज दी हैं महकी कुछ यादें सर्द रातों की कुछ सुर्ख़ ग़ुलाब भी भेजे हैं कुछ ठंडी कहानियां भेजी हैं पसंदीदा नादानियां भेजी हैं भीगे बादल भेजे हैं थोड़ी बरसातें भेजी हैं थोड़ी दुआएं भी . तबीयत