जब कोई पुरुष स्त्री का मुक़ाबला नही कर पाता, तो वो उसके चरित्र पर उंगली उठा देता है, क्योकि पुरुष कभी स्वीकार नहीं कर पाता अपनी हार को, क्योकि वहां उसका अहंकार आघात होता है, जो उसकी सहनशीलता से बाहर है, पर कोई स्त्री ये नहीं करती क्योकि स्त्री की सहनशीलता को नाप पाना पुरुष के लिए नामुमकिन है। #सहनशीलता