उत्साह हूं मैं, मैं... उमंग हूं, सांसों की धारा की, मैं....तरंग हूं, नीलगगन में उड़ती, मैं स्वच्छंद हूं।। उत्साह हूं मैं, मैं... उमंग हूं, सांसों की धारा की, मैं....तरंग हूं, नीलगगन में उड़ती, मैं स्वच्छंद हूं।। ऐसा उत्साह से भरिये मन, खोल के पंख भरो उड़ान