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इस ठंड भरी हवा ने फिर से आहे भरा है, लगता है किसी

इस ठंड भरी हवा ने
फिर से आहे भरा है,
लगता है किसी अपने ने
हमसे कुछ कहा है!

वही मौसम,वही हवा 
वही बारिश की बुंदे,
फिर से इन घटा ने
हमसे कुछ कहा है!

इस ढलती हुई शाम ने
फिर से जज्बात भरा है,
लगता है किसी अपने ने
हममे कुछ कहा है!

©Khushi Tiwari
  #baarish 🌧️🌼

#baarish 🌧️🌼 #Poetry

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