तुम पर आकर रुक गयी है मेरी ज़िन्दगी! अब ख़ुदा भी तुम और तुम्हारी ही बंदगी! है सबका मिलन इस ज़माने में अधूरा! अधूरे रहे कृष्ण पूरी ना हो सकी सती! दुआओं में भी देखो अब असर कहां है! साँसों पे दवाओं का कर्ज है बहुत भारी! काट रहे हर लम्हा यूँ कतरा-कतरा हम, आख़िर जीवन देने वाले पे भी है जवाबदारी! सुनो मेरी एक आख़िरी मुराद तुम कर दो पूरी! मैं जीना चाहती हूँ या नहीं कोई पूछे तो सही! ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1119 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ इस महीने दिल खोलकर लिखें। 😊 #एकजंगअपनोंसे #मुख्यप्रतियोगिता #KKC1119 #YQDIDI #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़