फूल है चमन का वो होंठ है गुलाब से आज दिल बहक गया जैसे के शराब से। बाग मे सजी थी जो जब कली बनी थी वो खिल उठा है फूल अब पर्दा ए हिजाब से । फूल बनके वो खिली फूल फूल हो गया ये फिज़ा महक उठी आज बे हिसाब से। थे गुनाह मेरे बहुत नेकीयॉ ज़रा सी थी अब बचा भी ले मुझे दुनिया के अज़ाब से। #aestheticthoughts #at13by30poems #atnapowrimo #napowrimo #cinemagraphabid #yqsayyed #yqdidi