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ग़म में हम सूरत - ए - गम ख्वार नहीं पढ़ते हैं । इस

ग़म में हम सूरत - ए - गम ख्वार नहीं पढ़ते हैं ।
इसलिए मीर के अशआर नहीं पढ़ते हैं।

मेरी आंखें तेरी तस्वीर से जा लगती हैं।
सुबह उठ कर सभी अख़बार नहीं पढ़ते हैं।
# ashu mishra #

©Azeem Khan #ashu mishra poetry #
ग़म में हम सूरत - ए - गम ख्वार नहीं पढ़ते हैं ।
इसलिए मीर के अशआर नहीं पढ़ते हैं।

मेरी आंखें तेरी तस्वीर से जा लगती हैं।
सुबह उठ कर सभी अख़बार नहीं पढ़ते हैं।
# ashu mishra #

©Azeem Khan #ashu mishra poetry #
azeemkhan5403

Azeem Khan

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ashu mishra poetry #