ग़म में हम सूरत - ए - गम ख्वार नहीं पढ़ते हैं । इसलिए मीर के अशआर नहीं पढ़ते हैं। मेरी आंखें तेरी तस्वीर से जा लगती हैं। सुबह उठ कर सभी अख़बार नहीं पढ़ते हैं। # ashu mishra # ©Azeem Khan #ashu mishra poetry #