ना सुन सकी कहना उसका, पर समज मे आया चमकना उसका दू | English Shayari Vi
"ना सुन सकी कहना उसका,
पर समज मे आया चमकना उसका
दूनिया मे है लोग हजार,
पर चमकना है मुझे एकदिन उसके जैसा| बैठी हू मै छत पे आज,
अनगिनत तारो के साथ,
एक तारा ऐसे चमका ,
जैसे मानो कुछ कहना चाहता"
ना सुन सकी कहना उसका,
पर समज मे आया चमकना उसका
दूनिया मे है लोग हजार,
पर चमकना है मुझे एकदिन उसके जैसा| बैठी हू मै छत पे आज,
अनगिनत तारो के साथ,
एक तारा ऐसे चमका ,
जैसे मानो कुछ कहना चाहता