क्या खरीदने निकले हो...?? मन की ख़ुशी या दिखावटी खुशी... व्यर्थ के आडम्बर या जीवन की ज़रूरतें... आवश्यकता है जिसकी आज... या फिर ज़रूरत नहीं जिसकी खास... सब खरीद रहें हैं इसलिए... या फिर... तुम्हारी खरीद दे रही... ग़रीब के चेहरे पर आशा की किरण मन जाये उसका भी कोई त्योहार भर उठे उसके घर में भी उल्लास... जिससे मिले तुमको भी आत्मिक खुशी... वाकई में लगे खरीदा है कुछ ख़ास... पूछो तो सही खुद से एक बार... क्या खरीदने निकले हो... मन की ख़ुशी या दिखावटी खुशी...??? मुनेश शर्मा (मेरी✍️)🌈🌈🌈 बाज़ार सजे हुए हैं और हम भी ख़रीदारी करने निकले हैं मगर क्या चाहिए - नहीं पता। #ख़रीदनेनिकले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi