तुम सर्वप्रिय ऐसे ही नहीं हो। भिन्न भिन्न स्वाद, भिन्न भिन्न रंगरूप वाले तुम न जाने कितने प्रकार के होकर फलों के राजा बनकर बैठे हो। शायद ही कोई होगा जिसने आम के स्वाद का रसास्वादन न किया होगा। यदि कोई ऐसा है तो उसे भाग्यशाली नहीं कह सकते। तुम आम नहीं "खास" हो। आज एक पत्र लिखें। अपने दिल अज़ीज़, फलों के राजा आम के नाम। #letters #प्यारेआम #yolewrimo #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi