माफ़ कर देना फिर भी आसान होता है पर दर्द को भूल जाना मुमकिन नहीं निशान घाव की याद दिलाते रहते है जाने दिया, छोड़ दिया, माफ किया पर कोई ये बताए ये जो दाग रूह पर लगे इन्हे मिटाए केसे? ये जो टूटने की निशान दिल पर पड़े उन्हें छिपाए केसे? ये दिमाग में जो पहेली सी उलझी है इसे सुलझाए केसे? किसको कहे, क्या कहे, क्यों शिकायत करे सारे इल्ज़ाम तो हम ही उठाए बैठे है आगे बढ़ना फितरत है वक़्त की चाहकर भी थाम नहीं सकती पतझड़ के पत्तों को हरा कर नहीं सकती गुनाह इस बार चंद उम्मीदों का था उस कमबख्त आईने का भी था जो अक्स की गलत दिखा रहा था सफेद जुल्फों को स्याह दिखा रहा था खोई थी ख्वाबों की जन्नत में अच्छा किया जो वक़्त पर तूने मुझे जगा दिया @deepali dp #mojzamiracle #deepalidp #jashnerekhta #hindishayari #hearbreak