मैं मुहब्बत और नफ़रत भी सही। दास्ताँ अपनी बताऊँ अनकही। खूब झूमा था कभी मैं अब्र पर। फूल बिखरे थे कभी भी अब्र पर।। छेद काँटे भी गए थे जब मुझे। दर्द कितना क्या बताऊँ अब तुझे।। ©Bharat Bhushan pathak #मैंमुहब्बत#दर्द#काँटे#पीड़ा#वेदना#नोजोटो#nojotohindi#nojoto