कहना तो बहुत कुछ चाहता हूं तुमसे मगर कह कहा पाता हूं सच तो है के जीना है तेरे बगैर पर एक पल भी कहा रह पाता हूं कोशिश हर बार होती है तुझे भूल जाने की पर एक भी पल कहा भूल पाता हूं देखना चाहता हूं हर रात सपनो मे तुम्हें मगर खुद को सुला कहा पाता हूं शायद तु अगर देख पाती तो समझ जाती के इस बेवशी को कहा छुपा पाता हूं छलक जाता है दर्द आखों से कभी मेरे पर मै खामोश भी कहा रह पाता हूं लिए फिरता हूं समंदर इन आँखों में पर रोलूं जीभर के एेसा कहा पाता हूं मुमकिन नही था जिना तेरे बगैर एे बेखबर मगर मैं मर भी कहा पाता हूं कितना कुछ कहना है तुमसे पर कह नही पाता हूं ©💝LAFZON 💖KE 💖MOTI-2 💝 #Really_I #Love #You #Nature