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#5LinePoetry शोर आज भी गूंज रहे हैं,इन जलती लाशों

#5LinePoetry शोर आज भी गूंज रहे हैं,इन जलती लाशों के सन्नाटे में।
 जो प्यार बांटते फिरते थे, हैं आज वही क्यों घाटे में।
 कौन कहां गिरता, पड़ता, उठता है ढूंढ रहा एक झलक प्यार की।
 और कुछ तो दौड़े जाते हैं होड़ लगाएं दुनिया के फर्राटे में।
 जो प्यार बांटते फिरते थे आज वही फिर घाटे में।
#5 line poetry

©Ramgopal Singh जलती लाशों के सन्नाटे में।
#5LinePoetry शोर आज भी गूंज रहे हैं,इन जलती लाशों के सन्नाटे में।
 जो प्यार बांटते फिरते थे, हैं आज वही क्यों घाटे में।
 कौन कहां गिरता, पड़ता, उठता है ढूंढ रहा एक झलक प्यार की।
 और कुछ तो दौड़े जाते हैं होड़ लगाएं दुनिया के फर्राटे में।
 जो प्यार बांटते फिरते थे आज वही फिर घाटे में।
#5 line poetry

©Ramgopal Singh जलती लाशों के सन्नाटे में।