Nojoto: Largest Storytelling Platform

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता || खुशी

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता ||
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता||
 फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो,,
 फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।|| Satyaprem Mukesh Poonia Alok Kumar Rohit Prasad Pushpa Lata Bharti
सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता ||
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता||
 फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो,,
 फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।|| Satyaprem Mukesh Poonia Alok Kumar Rohit Prasad Pushpa Lata Bharti